भारत भू खंड के मध्य में छतीसगढ़ राज्य के रायपुर जिला में थाना बलौदा बाजार कस्डौल विकास खंड में एक छोटा सा गॉंव गिरौदपुरी है |
जहा पर जंगलो और पहाड़ी अपना मनमोहक दृश्य झलकती है वाही पर आज से २६८ वर्ष पूर्व (१८ दिसंबर सन १७५६ दिन सोमवार को ) परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा जी का जन्म हुआ |
गिरौदपुरी धाम को परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा जी का तपोभूमि भी काहा जाता है | जहा गुरु घासीदास बाबा जी ने अनेक महिमा दिखांए है जैसे की
सफुरा माता को जीवित करना
गन्ना बड़ी में महिमा
नाग डसे बालक को जीवित करना
बिना अग्नि पानी के भोजन बनाना
गरियार बैल को हल में चलाना
बछिया जीवनदान
गिरौदपुरी के दर्शनीय स्थल
मुख्य गरुद्वारा ( तपोभूमि )
अमृतकुंड
चरणकुंड
पचकुंडी
गगन चुम्बी जैतखम (77 मीटर)
छातापाहाड़
Location of Giraudpuri Temple on the Map
भंडारपुरी धाम
भंडारपुरी धाम रियासत परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी का कर्म भूमि है जहां पर उनके वंशज आज भी विद्यमान हैं !
भंडार पुरी धाम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 50 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है ! भंडारपुरी धाम में परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के पुत्र राजा गुरु गुरु बालकदास साहेब जी द्वारा निर्मित पांच खंडा मोती महल स्थित है जहां पर गुरु घासीदास बाबा जी का गुरु गद्दी स्थापित है जो कि वर्तमान में गुरू गद्दी पूजा स्थल के रूप में विख्यात है ! भण्डार पुरी धाम गिरौद पुरी धाम के बाद सतनामियो का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है ! जहां पर लाखों लोग प्रतिवर्ष श्रद्धा और आस्था लेकर दर्शन करने पहुंचते हैं ! भंडारपुरी धाम में श्रद्धालुओं को गुरु घासीदास बाबा जी के गुरु गद्दी का दर्शन के साथ ही उनके वंशजों / साक्षात गुरु परिवार का भी दर्शन लाभ होता है !
भंडार पुरी धाम गुरुद्वारा सतनामियों का सामाजिक धार्मिक एवं न्यायिक केंद्र बिंदु है जहां से सामाजिक धार्मिक रीति नीति परंपराओं के संचालन संबंधी दिशा निर्देश वर्तमान में गुरु गद्दीनशीन जगतगुरू गोसाई राजा गुरु धर्म गुरु गुरु बालदास साहेब जी के द्वारा प्रसारित किया जाता है !
Location of Bhandarpuri Temple on the Map
चेटवापुरी धाम
चेटूआ धाम परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के प्रथम ज्येष्ठ सुपुत्र त्यागी तपस्वी सत्ताधारी बाल ब्रह्मचारी गुरु अमरदास बाबा जी का समाधि स्थल है !
चेटूआ धाम छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 60 किलो मीटर की दूरी में बेमेतरा जिले में शिवनाथ नदी के तट पर स्थित है !
परमपूज्य गुरु अमरदास बाबा जी अपने पिता परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के आदेशानुसार उनके द्वारा दिए गए सभी संदेशों उपदेशों आदर्शो को समाज के बीच प्रचार करनें के लिए रामत भ्रमण करते हुए चेटूआ नामक ग्राम में पहुंचे , जहां पर संत समाज के लोगों को सतनाम आध्यात्मिक शक्ति से परिचय कराने के उद्देश्य से ध्यान साधना करने की विधि सिखाने के लिए ढाई दिन की सजीव समाधि लिए थे ! उसी समय कुछ विरोधी नीच अधर्मी लोगों के द्वारा अंग्रेज अफसरों को बुलाकर गुरु अमर दास बाबा जी को मृत घोषित कर दफना दिया गया था ! किंतु जैसे ही ढाई दिन पूरा होने पर गुरु अमर दास बाबा जी की आत्मा इस लोक में आने के लिए अपने पार्थिव शरीर को ढूंढा तब तक देर हो चुका था नीच अधर्मी लोगों के द्वारा उनके शरीर को दफना दिया गया था ! उक्त स्थान पर सिमगा के समीप ग्राम हरीनभट्ठा निवासी आधार दास सोनवानी गोटिया के द्वारा भव्य गुरुद्वारा निर्माण कराया गया! जहां पर प्रति वर्ष पौष पूर्णिमा के दिन मेले का आयोजन होता है !